Saturday, October 17, 2009

ग्लोबल दीवाली की साजिश

दीवाली ग्लोबल हो गई। भारत की सौ करोड़ से ज्यादा आबादी इसी बात पर सीने को गुब्बारा सा फुलाए घूम रही है कि व्हाइट हाउस को एक काले राष्ट्रपति ने भारतीय दीवाली के दीयों से जगमगा दिया। जिसने हम पर तीन शताब्दियों तक राज किया वो दस निचली गली (10 डाउनिंग स्ट्रीट) भी दीवाली मना रही है। दीवाली मुई सात समंदर पार चली गई पड़ोसी के पाकिस्तान नहीं पहुंची। पाकिस्तान की क्या खता ? उदार देश है। दीवाली का खासा शौकीन। कभी भी कहीं भी और दिन में भी राकेट लांचरों और एक 47 से दीवाली हो जाती है। दीवाली ही सेक्युलर नहीं है, वरना पाकिस्तान पूरे रिवाज के साथ मनाता। भई अमरीका और इंग्लैंड कौन नहीं जाना चाहता सो दीवाली भी चली गई।

लेकिन इधर भारतीय संस्कृति के भाजपाई चरवाहों को इस बात से रोष हो सकता है। निखालिस भारतीय त्योहार को विदेशों में मनाए जाने से इनकी किराए की भावनाएं आहत हो सकती हैं। सड़क जाम कर ये भावनात्मक ठेस का इज़हार कर सकते हैं। ओबामा और ब्राउन को धमकियां दे सकते हैं। उतना ही बड़ा हंगामा कर सकते हैं जितना बड़ा वेलेंटाइन डे पर करते हैं। जब ये वेलेंटाइन को अंगीकार नहीं कर सकते तो फिर ओबामा ने दीवाली क्यों मनाई ? ये साजिश हो सकती है। ओबामा को जब से नोबेल मिला है। शांति का दिखावा कर रहे हैं। दीवाली मनाने के पीछे भी प्रोपागैंडा है। ओबामा चाहते हैं कि वेलेंटाइन इंडिया हर शोहदा और बुड्ढा मनाए। भारतीय संस्कृति के खिलाफ साजिश नहीं चलेगी। लगे रहो इंडिनय विहिप एवं शाखाएं मोरल पुलिस।

1 comment:

Udan Tashtari said...

उनके लगे रहने दो..आप तो दिवाली मनाओ.

सुख औ’ समृद्धि आपके अंगना झिलमिलाएँ,
दीपक अमन के चारों दिशाओं में जगमगाएँ
खुशियाँ आपके द्वार पर आकर खुशी मनाएँ..
दीपावली पर्व की आपको ढेरों मंगलकामनाएँ!

सादर

-समीर लाल 'समीर'